शनिवार, 1 मई 2021

"पापा की याद में" बेटे को तरफ से पिता को श्रद्धांजलि - लाइव : प्रतापगढ़ यूपी

"पापा की याद में" - पूरे परिवार के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाला एक ही इंसान होता है वो है 'पापा'। जब तक हमारे पापा हमारे साथ होते है तब तक वो सारी जिम्मेदारी निभाते है लेकिन हमे इस बात का एहसास नहीं होता है। इस बात का एहसास हमे उनके चले जाने के बाद होता है उसके बाद कुछ बाकी रह जाता है तो बस उनके साथ बिताई यादें और उन्हें न समझ पाने का पछतावा। पर आपको समझ पाए, तब इतनी समझ भी न थी मुझे। मैं तो आपके लिए आपका छोटा बच्चा था। 


जिन्दगी तो मेरी कट रही है आपके बाद भी….
मगर आप के बिन जीने में वो बात नहीं…

उपर से तो सब मेरे अपने ही अपने है…
मगर आप की तरह अन्दर से कोई मेरे साथ नही

ख्याल सब रखते है मेरा अपने तरीके से अच्छी तरह…
मगर अपसे जिद करने का माजा अब आता नहीं…

लडाईयां तो अब भी होती है घर में हमारे…
मगर आपसे वो मीठा मीठा लडने का मजा कोई दे पाता नहीं…
हर पल हर लम्हा हर घड़ी आपकी याद बहुत आती है पापा.. 
मैने कभी नहीं सोचा था कि आप मुझे इतनी जल्दी छोड़कर चले जायेंगे। विश्वास तो आज भी नही होता कि आप मुझे अकेले छोड़ गए है पर जब देखता हूं तो आप आसपास नही होते। तब सच में बहुत रोना आता है। पापा..

कोई भूल थी अगर मेरी तो एक दफा कहते मुझे…
ऐसे अकेला छोड जाना कोई अच्छी बात नहीं…..

देखते देखते आज पूरे चार साल हो गए है आपको गए हुए लेकिन ये आंखे आज भी आपका इंतजार करती है, न जाने आज भी ऐसा क्यों लगता है कि आप वापस आओगे, ऐसा लगता है मानों की आप हम सबको छोड़कर कही गए ही नही हो। अब ये मेरा पागलपन है या फिर दस साल तक आपसे दूर रहते रहते आदत बन गई है ये तो मुझे नही पता? 

क्योंकि लगभग दस साल तक आप नौकरी की वजह से हम सबसे दूर कानपुर में थे पर हफ्ते में एक दिन हमारा पूरा परिवार साथ होता था और वो दिन रविवार का होता था। इसी वजह से आज भी ऐसा लगता है जैसे आप कानपुर में हो और पहले की तरह अब भी शनिवार की रात को आयेंगे। और कहेंगे अभी तक जग रहे हो सो जाओ। पर आप नही आते हो पापा.. कुछ कहते भी नही हो, हफ्ते के बाकी के दिन तो आपसे दूर रहकर कट जाते है पर शनिवार और रविवार को नही दूर रहा जाता आपसे। रविवार को सुबह आप ही मुझे उठाते भी थे और मुझे चाय बनाकर भी पिलाते थे.. 
पर पापा अब कोई नही जगाता है कोई नही उठाता है गलती कर दो तो कोई डांटता भी नही है आप गांव चलने के लिए कहते थे, न जाओ तो बहला फुसला कर मनाकर ले जाते थे, पर पापा अब गांव जाने के लिए कोई नही कहता और अब न ही कोई मनाता है। आपके साथ बातें करते हुए बाइक से घूमना बहुत आनंद दायक लगता था। 
आप नही हो पर फिर भी लगता है कि आप हो.. मां आज भी चार कप चाय बनाती है, जबकि हम सिर्फ तीन लोग है। और हा मां को जब भी आपकी याद आती है वो हम सबसे छुपकर रोती है ताकि हम लोग को देखकर दुख न हो, पर वो चाहे जितना अपना दुख छुपाए आंखे तो सब दर्द बयां कर ही देती है। 

.. भाई के तो सब कुछ आप ही थे पापा। एक आप ही थे जिनसे वो सबसे ज्यादा जिद करते थे और आप उनकी हर एक जिद पूरी करते थे। पिता के साथ साथ एक अच्छे दोस्त भी थे आप, वो आपसे अपनी हर बात साझा करते थे। भाई के एटीएम मशीन थे आप। भईया को कुछ काम होता था तो वो आपसे पूछते थे पर पापा अब किससे पूछे आप तो हो हो नही। 

मुझे तो समझ भी नही थी की किसे कहते है "खोना" पर आपके जाने के बाद समझ आया क्या होता है खोना...

कैसे समझाऊं किसे कहते है खोना, किसी के न होने में भी उसका होना.. 

माना की सब जल जाता है उस अग्नि में, मगर यादें भी आत्मा के समान नश्वर है उन्हे कोई आग जला नही पाती। 

जब भी अपने किसी दोस्त को उनके पापा के साथ देखता हूं तब पापा आपकी याद बहुत आती है, जब देखता हूं उनके साथ उनके पापा खड़े है तब खुद को मैं अकेला महसूस करता हूं। जब भी अपने किसी दोस्त से कोई कार्य करने के लिए या फिर कही घूमने के लिए कहो तो, उसका ये कहना कि रुको पापा से पूछकर बताता हूं। तब भी हम ये सोचते है काश पापा आप होते तो हम भी आप पूछते कि पापा मैं वहां घूमने जाऊं या नही। पर मुझे पूछने, या बताने के लिए अब आप नही हो। 

ऐसे ही हर जगह हर बातों में आप याद आते हो, जब भी किसी के मुंह से पापा शब्द सुनता हूं तब - तब आप याद आते हो पापा, पर ये बात मैं किसी कह भी नही सकता हूं और रो भी नही सकता। क्योंकि मैं खुद को कमजोर नही बनाना चाहता रोकर, पर दुखी बहुत हो जाता हूं। न ही अपने मन की बात किसी से कह पता हूं और न ही खुलकर रो पता हूं। बस सालभर में एक बार कुछ बातें इस पोस्ट के माध्यम से आपको श्रद्धांजलि के तौर पर व्यक्त कर पाता हूं बस। 

पापा, आप नही आते पर आपकी यादें हर पल, हर समय, हर घड़ी, हर लम्हा याद आती है। 

हां मैं खुश था उस बचपन में, जब आपके कंधे पर बैठा था, मगर बहुत रोया था, जब मेरे कंधे पर आप थे पापा। 
बहरहाल नियति के आगे हम सब एकदम बेबस और लाचार है.. 
पापा, आपके चले जाने के बाद भी आपकी याद और आपके संस्कारों के सहारे जी रहे है और जब तक सांसे चल रही है इसी तरह से जीते रहेंगे। 

और जब तक जी रहा हूं तब तक आपके दिए संस्कारों पर चलना मेरा काम रहेगा, हा मानता हूं जिंदगी में आपका साथ नही, मगर मरते दम तक मेरे नाम के साथ आपका नाम रहेगा। आप जहां भी हो इसी तरह मुस्कराते रहें और मेरी इस मुस्कान पर अपना आशीर्वाद बनाए रखियेगा पापा। 
सदर चरण स्पर्श पापा जी 👏🙏
आपका बेटू #चंदन 
- @Vijay Pratap Yadav

#Miss_you_Papa # Please_Come_Back